वक्री शनि के दुष्प्रभाव और उपाय

Date : 2024-03-08

वक्री शनि के दुष्प्रभाव और उपाय



कुंडली में शनि करियर, मेहनत, कंसन्ट्रेशन, नसे नाड़ी और आय के कारक होते है। इसलिए कुंडली में शनि ग्रह बहुत महत्वपूर्ण ग्रह होते है यदि कुंडली में शनि वक्री हो जाते है तो लाइफ में कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। लाइफ में बहुत संघर्ष की स्थिति बन जाती है इसलिए शनि का कुंडली में मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। आज इस ब्लॉग में चर्चा करेंगे की कुंडली में शनि के वक्री होने से क्या दुष्प्रभाव प्राप्त होते है और वक्री शनि के लिए क्या उपाय करने चाहिए।


वक्री शनि के दुष्प्रभाव

* अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि वक्री हो जाते है तो व्यक्ति के जीवन में संघर्ष की स्थिति बन जाती है। व्यक्ति को व्यर्थ की भागदौड़ अधिक करनी पड़ती है। लाइफ संघर्ष में गुजरती है।

* जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि वक्री होते है ऐसे व्यक्ति को करियर में संघर्ष करना पड़ता है करियर में मेहनत के अनुसार सफलता प्राप्त नहीं हो पाती है।

* कुंडली में वक्री शनि होने के कारण मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होता है प्रत्येक कार्य में रूकावट आती है भाग्य में बाधा बनी रहती है।

* वक्री शनि के कारण अच्छी आय होने में भी रूकावट रहती है। धन लाभ में रूकावट रहती है जितनी व्यक्ति मेहनत करता है उसके अनुसार उसे लाभ नहीं होता है अच्छी आय नहीं हो पाती है।

* वक्री शनि होने के कारण व्यक्ति को हड्डी, नसे नाड़ी से सम्बंधित समस्या होने लगती है और शरीर में आलस भी बना रहता है। इसलिए वक्री शनि स्वास्थ्य के लिए भी ज्यादा अच्छा नहीं होता है।

* जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि वक्री होते है उस व्यक्ति को कंसन्ट्रेशन में कमी रहती है। ऐसा व्यक्ति किसी भी कार्य पर ज्यादा लम्बे समय तक ध्यान नहीं लगा पाता है।

* जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि वक्री होता है ऐसा व्यक्ति ज्यादा मेहनत नहीं करता है। ऐसा व्यक्ति अपने कार्यो को कल पर टाल देता है और थोड़ा आलसी और जिद्दी भी हो जाता है।


वक्री शनि के उपाय

* वक्री शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए प्रतिदिन शाम को सरसो के तेल का दीपक जलाकर उसके सामने नीले कपड़े के आसन पर बैठकर शनि के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनेश्चराय नमः।

* वक्री शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार शनि देव पर सरसो का तेल चढ़ाए और 21 शनिवार काली साबुत उड़द का दान शनि मंदिर में करे।

* वक्री शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करें। इससे वक्री शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है और शनि के अच्छे फल प्राप्त होने लगते है।

* वक्री शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए तिल, काली उड़द, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान करना चाहिए। इससे भी वक्री शनि के दुष्प्रभाव समाप्त होते है।

* वक्री शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार कौवे को रोटी खिलाए। इससे वक्री शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है और शनि के अच्छे फल प्राप्त होने लगते है।

* वक्री शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुंडली का विश्लेषण करवा कर शनि का रत्न नीलम धारण करना चाहिए। इससे वक्री शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है और शनि के अच्छे फल प्राप्त होने लगते है।

* वक्री शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुंडली का विश्लेषण करवा कर सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इससे वक्री शनि के दुष्प्रभाव में कमी आती है और शनि के अच्छे फल प्राप्त होने लगते है।

 

ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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