वक्री मंगल के दुष्प्रभाव और उपाय

Date : 2024-03-11

वक्री मंगल के दुष्प्रभाव और उपाय



कुंडली में मंगल पराक्रम, ब्लड, छोटे भाई, हड्डी और गुप्त रोग के कारक होते है। इसलिए कुंडली में मंगल ग्रह बहुत महत्वपूर्ण ग्रह होते है यदि कुंडली में मंगल वक्री हो जाते है तो लाइफ में कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। लाइफ में बहुत संघर्ष की स्थिति बन जाती है इसलिए मंगल का कुंडली में मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। आज इस ब्लॉग में चर्चा करेंगे की कुंडली में मंगल के वक्री होने से क्या दुष्प्रभाव प्राप्त होते है और वक्री मंगल के लिए क्या उपाय करने चाहिए।


वक्री मंगल के दुष्प्रभाव

* कुंडली में वक्री मंगल होने के कारण पराक्रम और हिम्मत कम हो जाती है या ऐसा व्यक्ति हद से ज्यादा हिम्मत वाला हो जाता है जिसके कारण ऐसा व्यक्ति अपने लिए समस्या खड़ी कर लेता है और अपनी जिंदगी लड़ाई झगड़े के कारण खराब कर लेता है।

* कुंडली में वक्री मंगल होने के कारण ब्लड से संबधित समस्या होने की सम्भावना रहती है। इसलिए कुंडली में वक्री मंगल के उपाय जरूर करने चाहिए।

* कुंडली में मंगल के वक्री होने के कारण हड्डियों से जुडी समस्या होने की सम्भावना रहती है। वक्री मंगल के कारण चोट लगने की सम्भावना रहती है।

* कुंडली में वक्री मंगल के कारण छोटे भाई से सम्बंधित समस्या रहती है छोटे भाई से सुख प्राप्त नहीं होता है छोटे भाई से सम्बन्ध अच्छे नहीं होते है छोटे भाई से लड़ाई झगड़े की स्थिति रहती है।

* कुंडली में वक्री मंगल होने के कारण गुप्त रोग होने की सम्भावना रहती है। वक्री मंगल के कारण पाइल्स, भगंदर, गुदा रोग जैसी समस्या होने की सम्भावना रहती है।


वक्री मंगल के उपाय

* वक्री मंगल के दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए प्रतिदिन सुबह मंगल के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ क्रां क्रीं क्रों सः भौमाय नमः। इससे वक्री मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त होंगे।

* कुंडली में वक्री मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त करने के लिए प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी का व्रत करे। प्रत्येक मंगलवार हनुमान मंदिर जाए और प्रसाद चढ़ाए। इससे भी वक्री मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है।

* कुंडली में वक्री मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त करने के लिए मूंगा रत्न भी धारण कर सकते है लेकिन मूंगा रत्न धारण करने से पहले अपनी कुंडली के विश्लेषण जरूर करवाए अगर कुंडली में मंगल योग कारक ग्रह है तो मंगल का रत्न मूंगा धारण कर सकते है।

* कुंडली में वक्री मंगल के दुष्प्रभाव से बचने के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते है। इससे भी वक्री मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है।

* कुंडली में वक्री मंगल के दुष्प्रभाव से बचने के लिए और मंगल के शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए 21 मंगलवार गुड़ का दान करे या गाय को गुड़ खिलाए। इससे भी वक्री मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है।

* कुंडली में वक्री मंगल के दुष्प्रभाव से बचने के लिए और मंगल के शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए 11 मंगलवार हनुमान जी पर चोला चढ़ाए। इससे भी वक्री मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है।

* कुंडली में वक्री मंगल के दुष्प्रभाव से बचने के लिए और मंगल के शुभ फल प्राप्त करने के लिए मंगलवार के दिन लाल रंग के वस्त्र भी धारण कर सकते है। इससे भी वक्री मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है।

 

ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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