Date : 2022-03-21
केतु ग्रह के लिए नो मुखी रुद्राक्ष
नोवे मुखी रुद्राक्ष केतु ग्रह के लिए धारण किया जाता है। नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से केतु ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते है और केतु ग्रह के अशुभ फल समाप्त होते है। अगर कुंडली में केतु ग्रह पीड़ित हो या कमजोर हो या केतु कुंडली में योग कारक ग्रह हो और केतु कुंडली में नीच का हो तो केतु के अशुभ फल से बचने के लिए और केतु के शुभ फल प्राप्त करने के लिए नो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
नों मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ
- नो मुखी रुद्राक्ष पेट से सम्बंधित समस्या को दूर करता है।
- नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से चोट एक्सीडेंट से बचाव होता है।
- नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से वाद विवाद और लड़ाई झगड़े से बचाव होता है।
- नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से कॉन्फिडेंस में वृद्धि होती है।
- नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शत्रु समाप्त होता है शत्रुओ पर विजय प्राप्त होती है।
- नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
- नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मन से डर समाप्त होता है व्यक्ति साहसी बनता है।
- नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से दिमाग शांत रहता है।
- नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
रुद्राक्ष धारण करने के नियम
- रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को शराब, मांस, अंडे, लहसुन, प्याज़ से दूर रहना चाहिए। इस तरह की चीज़े नहीं खानी चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वालो को झूठ नहीं बोलना चाहिए और किसी भी प्रकार के गलत कामो से दूर रहना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वालो को पैसो के मामले में भी ईमानदार रहना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वालो को लाइफ पार्टनर के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनांते समय रुद्राक्ष उतार देना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वालो को दुसरो की बुराई नहीं करनी चाहिए।
नो मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
- नो मुखी रुद्राक्ष को लाल रंग के धागे में गले में धारण किया जाता है।
- रुद्राक्ष सोमवार के दिन सुबह 6 से 7 बजे के मध्य धारण करना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने से पहले 10 मिनट तक रुद्राक्ष को एक कटोरी में कच्चे दूध और गंगाजल के मिश्रण में डालकर रखे इसके बाद रुद्राक्ष को कटोरी से निकालकर पुनः गंगाजल से धोकर शुद्ध करके घर में मंदिर में धुप दीप जलाकर ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करे और उसके बाद अपने गले में रुद्राक्ष धारण करे।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
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