निर्जला एकादशी का व्रत के लाभ क्या होते है। निर्जला एकादशी व्रत की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त। निर्जला एकादशी का महत्व।

Date : 2022-05-29

निर्जला एकादशी का व्रत के लाभ क्या होते है। निर्जला एकादशी व्रत की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त। निर्जला एकादशी का महत्व।


निर्जला एकादशी

निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। निर्जला एकादशी का व्रत इस साल 10 जून को रखा जाएगा। इस व्रत मे पानी का पीना वर्जित है इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते है। साल कुल 24 एकादशी पड़ती है, जिनमें से से निर्जला एकदशी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। निर्जला एकादशी व्रत का का पुण्य साल की 24 एकादशी के बराबर होता है।


निर्जला एकादशी का महत्व

निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। निर्जला एकादशी का व्रत 24 एकादशी के बराबर फल देने वाला होता है। एकादशी भगवान विष्णु का सबसे प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। निर्जला एकादशी का व्रत रखने से जातक को धर्म, कर्म, अर्थ और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


निर्जला एकादशी की पूजन विधि

- निर्जला एकादशी वाले दिन सुबह उठकर स्नान करे।

- स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करे और भगवान विष्णु की की पूजा करे।

- भगवान विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करे।

- भगवान विष्णु को फल, तुलसी, पंचामृत अर्पित करे।

- निर्जला एकादशी के व्रत में जल नहीं पीना है अगले दिन सूर्योदय तक जल की एक बून्द भी ग्रहण नहीं करनी है।

- इस व्रत में अन्न और फलाहार भी वर्जित है।

- अगले दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद ही अन्न और जल ग्रहण करना है।


निर्जला एकादशी के दिन क्या उपाय करे ?

- निर्जला एकादशी के दिन गरीब और जरुरतमंदो को भोजन खिलाए और संभव हो सके तो वस्त्र दान करे।

- निर्जला एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते है।


निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त 2022

एकादशी का व्रत शुक्रवार 10 जून 2022 को सुबह 07 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन शनिवार 11 जून 2022 को शाम 05 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगा।

 

ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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