नीलम रत्न किन जातको को धारण करना चाहिए और नीलम रत्न के लाभ

Date : 2021-02-19

नीलम रत्न किन जातको को धारण करना चाहिए और नीलम रत्न के लाभ

१ नीलम रत्न शनि का रत्न होता है और शनि वृष, तुला, मिथुन, कन्या, मकर और कुम्भ लग्न में योग कारक ग्रह होते है। इसलिए नीलम रत्न वृष लग्न, तुला, मिथुन, कन्या, मकर, कुम्भ लग्न वालो को जरूर धारण करना चाहिए। इन लग्नो के जातक नीलम रत्न निश्चित तोर पर धारण कर सकते है।

२ वृष लग्न में शनि भाग्य और करियर के मालिक होते है। इसलिए वृष लग्न में नीलम धारण करने से भाग्य उदय होता है भाग्य में वृद्धि होती है धन की प्राप्ति होती है। करियर में उन्नति के योग बनते है। मान सम्मान में वृद्धि होती है। मेहनत का फल प्राप्त होता है। शरीर से आलस समाप्त होता है। शरीर में फुर्ती आती है। रुके हुए कार्य बनते है। प्रत्येक कार्य सरलता से बनने लगते है।

३ तुला लग्न में शनि चौथे स्थान और पाचवे स्थान के मालिक होते है। चौथा स्थान प्रॉपर्टी, वेहिकल और माता का होता है और पांचवा स्थान संतान, पढ़ाई, पेट, प्लानिंग, लव अफेयर और मित्रो का होता है इसलिए तुला लग्न में शनि का रत्न नीलम धारण करने से प्रॉपर्टी बनती है। माता के सुख में वृद्धि होती है। वेहिकल सुख प्राप्त होता है। संतान सुख अच्छा प्राप्त होता है। प्लानिंग सफल होती है। लव अफेयर में सफलता के योग बनते है। मित्रो का साथ प्राप्त होता है। पेट से सम्बंधित समस्या नहीं होती है।

४ मिथुन लग्न में शनि आठवे स्थान और नोवे स्थान का मालिक होता है आठवा स्थान अचानक धन प्राप्ति, गुप्त रोग, आयु का होता है और नोवा स्थान भाग्य और धर्म और लम्बी दूरी की यात्रा का होता है। इसलिए मिथुन लग्न में शनि का रत्न नीलम धारण करने से भाग्य में वृद्धि होती है धन प्राप्ति के योग बनते है जीवन में तरक्की के योग बनते है धार्मिक उन्नति होती है लम्बी दूरी की यात्रा के योग बनते है। गुप्त रोग परेशान नहीं करते है। आयु की रक्षा होती है।

५ कन्या लग्न में शनि पाचवे स्थान और छठे स्थान का मालिक होता है। पांचवा स्थान संतान, पढ़ाई, पेट, प्लानिंग, लव अफेयर और मित्रो का होता है और छठा स्थान रोग, शत्रु और कर्ज का होता है इसलिए कन्या लग्न में शनि का रत्न नीलम धारण करने से संतान सुख अच्छा प्राप्त होता है। प्लानिंग सफल होती है। लव अफेयर में सफलता के योग बनते है। मित्रो का साथ प्राप्त होता है। पेट से सम्बंधित समस्या नहीं होती है। शत्रु परेशान नहीं करते है कर्ज नहीं होता है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

६ मकर लग्न में शनि लग्नेश होता है और दूसरे स्थान का मालिक होता है लग्न से स्वास्थ्य और मान सम्मान का विचार किया जाता है और दूसरा स्थान परिवार, धन संचय और गले और आँखों का होता है। इसलिए मकर लग्न में भी शनि का रत्न नीलम जरूर धारण किया जाता सकता है। मकर लग्न में नीलम धारण करने से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मान सम्मान में वृद्धि होगी। धन में वृद्धि होगी। धन आएगा। धन संचय होगा। पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी। गले और आँखों से जुडी समस्या नहीं होगी। आंखे अच्छी रहेंगी।

७ कुम्भ लग्न में शनि लग्न का मालिक होता है और बारवे स्थान का मालिक होता है लग्न से स्वास्थ्य और मान सम्मान का विचार किया जाता है और बारवा स्थान व्यर्थ के खर्च का होता है और विदेश यात्रा का होता है और नींद का होता है। इसलिए कुम्भ लग्न में भी शनि का रत्न नीलम धारण कर सकते है। कुम्भ लग्न में शनि का रत्न नीलम धारण करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। मान सम्मान में वृद्धि होती है। विदेश से लाभ होता है। रात को अच्छी नींद आती है नींद से जुडी समस्या नहीं होती है। व्यर्थ के खर्चे नहीं होते है।


ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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