मूंगा रत्न किस राशि वालो को या किन जातको को धारण करना चाहिए और मूंगा रत्न धारण करने से क्या लाभ होते है।

Date : 2022-03-08

मूंगा रत्न किस राशि वालो को या किन जातको को धारण करना चाहिए और मूंगा रत्न धारण करने से क्या लाभ होते है।



मंगल का रत्न मूंगा धारण करने के लाभ 

- मूंगा मंगल का रत्न होता है। मंगल मेष लग्न, वृश्चिक लग्न, सिंह लग्न, कर्क लग्न, धनु लग्न, मीन लग्न में योग कारक ग्रह होते है इसलिए इन लग्नो के जातको को मूंगा रत्न धारण करना चाहिए। इन लग्नो के जातको को मूंगा रत्न धारण करने से बहुत लाभ प्राप्त होता है।

- मेष लग्न में मंगल लग्न के मालिक होते है लग्न से स्वास्थ्य और मान सम्मान का विचार किया जाता है और मेष लग्न में मंगल आठवे स्थान के मालिक भी होते है आठवा स्थान आयु का होता है। अतः मेष लग्न में मंगल योग कारक ग्रह होते है इसलिए मेष लग्न में मंगल का रत्न मूंगा निश्चित तोर पर धारण किया जा सकता है। मेष लग्न में मूंगा रत्न धारण करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। मान सम्मान में वृद्धि होती है। आयु अच्छी होती है आयु में वृद्धि होती है।

- वृश्चिक लग्न में मंगल लग्न के मालिक होते है और छठे स्थान के मालिक होते है लग्न से स्वास्थ्य और मान सम्मान का विचार किया जाता है और छठा स्थान रोग, कर्ज और शत्रुओ का होता है अतः वृश्चिक लग्न में मंगल योग कारक ग्रह होते है इसलिए वृश्चिक लग्न में मंगल का रत्न मूंगा निश्चित तोर पर धारण किया जा सकता है। वृश्चिक लग्न में मूंगा रत्न धारण करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। मान सम्मान में वृद्धि होती है। कर्जा नहीं होता है। शत्रु समाप्त होते है। बीमारी समाप्त होती है।

- कर्क लग्न में मंगल पाचवे स्थान और दसवे स्थान के मालिक होते है पांचवा स्थान पढ़ाई, संतान, मित्र, पेट, प्लानिंग, लव अफेयर का होता है और दसवा स्थान करियर, पिता और मान सम्मान का होता है इसलिए कर्क लग्न में मंगल योग कारक ग्रह होते है इसलिए कर्क लग्न में मंगल का रत्न मूंगा निश्चित तोर पर धारण किया जा सकता है। कर्क लग्न में मूंगा धारण करने से हायर एजुकेशन प्राप्त होती है। संतान सुख प्राप्त होता है। अच्छे मित्र बनते है। प्लानिंग सफल होती है। पेट से सम्बंधित समस्या नहीं होती है। लव अफेयर में सफलता प्राप्त नहीं होती है। करियर में तरक्की प्राप्त होती है। पिता से सपोर्ट प्राप्त होता है। पिता के सुख में वृद्धि होती है। मान सम्मान में वृद्धि होती है।

- सिंह लग्न में मंगल चौथे स्थान और नोवे स्थान के मालिक होते है चौथा स्थान प्रॉपर्टी, वेहिकल, सुख साधन, माता का होता है और नोवा स्थान भाग्य का होता है। इसलिए सिंह लग्न में मंगल का रत्न मूंगा धारण करने से प्रॉपर्टी बनती है। वेहिकल सुख प्राप्त होता है। माता के सख में वृद्धि होती है। सुख साधन की वस्तुओ में वृद्धि होती है। भाग्य में वृद्धि होती है भाग्य उदय होता है। लाइफ में तरक्की के योग बनते है। इसलिए सिंह लग्न में मंगल का रत्न मूंगा निश्चित तोर पर धारण किया जा सकता है

- धनु लग्न में मंगल पांचवे स्थान के मालिक होते है और बारवे स्थान के मालिक होते है पांचवा स्थान पढ़ाई, संतान, मित्र, पेट, प्लानिंग, लव अफेयर का होता है और बारवा स्थान विदेश से लाभ का होता है और खर्च का होता है और नींद का होता है। इसलिए धनु लग्न में भी मंगल योग कारक ग्रह होते है। धनु लग्न में मंगल का रत्न मूंगा धारण करने से हायर एजुकेशन प्राप्त होती है। संतान सुख प्राप्त होता है। अच्छे मित्र बनते है। प्लानिंग सफल होती है। पेट से संबधित समस्या नहीं होती है। लव अफेयर में सफलता प्राप्त होती है। विदेश से लाभ प्राप्त होता है अच्छे नींद आती है। व्यर्थ के खर्चे नहीं होते है। इसलिए धनु लग्न में मंगल का रत्न मूंगा निश्चित तोर पर धारण किया जा सकता है

- मीन लग्न में मंगल दूसरे स्थान और नोवे स्थान के मालिक होते है। दूसरा स्थान परिवार, धन संचय, बैंक बैलेंस का होता है। दूसरा स्थान आँखों का भी होता है और दूसरा स्थान गले का भी होता है। नोवा स्थान भाग्य का होता है। इसलिए मीन लग्न में मंगल योग कारक ग्रह होते है। इसलिए मीन लग्न में मंगल का रत्न मूंगा निश्चित तोर पर धारण किया जा सकता है मूंगा धारण करने से धन प्राप्ति के योग बनते है पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है। आंखे ठीक रहती है गले से जुडी समस्या नहीं होती है। भाग्य उदय होता है भाग्य में वृद्धि होती है। लाइफ में तरक्की और आगे बढ़ने के नए अवसर प्राप्त होते है।



ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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