Date : 2022-03-23
सिर के बाल व्यक्ति के शरीर का एक अहम हिस्सा है क्योकि बाल व्यक्ति की सुंदरता का भी प्रतिनिधित्व करते है। बिना बालो के व्यक्ति की सुंदरता अधूरी ही रहती है बिना बालो के किसी भी व्यक्ति की सुंदरता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसलिए सिर के बाल प्रत्येक मनुष्यो के लिए अति आवश्यक होते है खासतौर पर यौवन अवस्था में है किसी भी व्यक्ति के लिए उसके बाल बहुत ही अहम होते है। लेकिन आजकल की दौड़ती भागती जिंदगी में और गलत खान पान और तनाव के कारण बहुत से लोगो के बाल कम आयु में ही झड़ने लगते है और उनको कम आयु में ही गंजेपन का सामना करना पड़ता है। बालो के झड़ने के पीछे गलत खान पान और स्ट्रेस के अतिरिक्त कुंडली के ग्रहो का भी हाथ होता है। कुंडली में ग्रहो की खराब स्थिति भी किसी भी व्यक्ति को बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित कर सकती है और कम आयु में गंजापन भी दे सकती है। इस ब्लॉग में आज हम जानेंगे की कुंडली में ऐसे कौन से योग होते है जिसके कारण लोगो को बाल झड़ने या गंजेपन की समस्या हो जाती है।
बाल झड़ने या गंजेपन के ज्योतिषीय कारण
- कुंडली में लग्न और लग्नेश से सिर और बालो का विचार किया जाता है। जब कुंडली में लग्नेश छठे, आठवे या बारवे स्थान में होता है तो बालो से जुडी समस्या होती है बाल झगड़े के योग बनते है। गंजापन भी ऐसे व्यक्तियों में आ सकता है।
- सूर्य भी बालो के झगड़े और गंजेपन की समस्या के लिए जिम्मेदार होते है। अगर कुंडली में लग्न में सूर्य बैठे तो बाल झड़ने के योग बनते है और ऐसा व्यक्ति सूर्य की महादशा आने पर गंजा भी हो सकता है।
- सूर्य अगर लग्न के मालिक के साथ हो तो भी सूर्य की महादशा या अन्तर्दशा में बालो के झड़ने की समस्या होती है।
- यदि कुंडली में लग्नेश सूर्य के नक्षत्र में हो तो भी बालो के झगङे की समस्या होने की पूरी सम्भावना बनती है और गंजापन भी हो सकता है।
- यदि कुंडली में लग्न पर शनि राहु की दृष्टि है तो भी बालो से जुडी समस्या जैसे बाल झड़ना, बालो का असमय सफेद होना अदि समस्या होती है।
- यदि कुंडली में लग्नेश पर शनि की दृष्टि होती है तो भी बालो के झड़ने की समस्या होने की पूरी सम्भावना बनती है।
- यदि कुंडली में लग्न में नीच का शनि बैठा हो तो भी बाल झड़ने के योग बनते है।
- यदि लग्न में नीच का राहु बैठा हो तो भी बाल झड़ने के योग बनते है।
बालो को झड़ने से रोकने के लिए या गंजेपन से बचने के लिए उपाय
- प्रतिदिन सुबह सूर्य आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करे।
- प्रतिदिन सुबह सूर्य को ताम्बे के पात्र में जल चढ़ाए।
- राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए प्रतिदिन सुबह पक्षियों को सतनाज खिलाए।
- अपनी कुंडली के लग्नेश को मजबूत करे। किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से कुंडली का विश्लेषण करवाकर अपने लग्नेश का रत्न धारण करे और लग्नेश के मंत्र का जाप करे।
- प्रत्येक शनिवार शनि देव पर सरसो का तेल चढ़ाए।
- प्रतिदिन शाम को सरसो के तेल का दीपक जलाकर उसके सामने नीले कपड़े के आसन पर बैठकर शनि के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनेश्चराय नमः।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
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