Date : 2021-02-20
1. कुंडली में दूसरा स्थान धन का होता है यदि धन स्थान का मालिक छठे स्थान पर बैठा हुआ हो और उस पर पाप ग्रह का प्रभाव हो तो कर्ज के योग बनते है.
2. षष्टेश और द्वादशेश में स्थान परिवर्तन होने पर भी कर्ज होने के योग बनाते है.
3. अष्टम स्थान में नीच का शनि बैठा हुआ हो तो कर्ज होने के योग बनते है.
4. धनेश अष्टम में पाप ग्रह के साथ बैठा हुआ हो तो कर्ज होने के योग बनते है.
5. धनेश द्वादश भाव में बैठा हुआ हो और पाप प्रभाव में हो तो कर्ज के योग बनते है.
6. चौथे स्थान का मालिक छठे स्थान पर हो तो भी कर्ज के योग बनते है.
7. लाभेश छठे स्थान पर हो तो भी कर्ज के योग बनते है.
8. वृष लग्न में शुक्र और सूर्य की युति कुंडली में कहीं भी हो तो भी कर्ज होने के योग बनते है.
9. षष्टेश कुंडली में अष्टम या द्वादश भाव में पाप ग्रह के साथ बैठा हुआ हो तो भी कर्ज होने के योग बनते है.
10. दशमेश छठे स्थान पर होने पर भी कर्ज के योग बनते है.
कर्ज मुक्ति के उपाय : प्रत्येक शनिवार कऊओं को सरसो के तेल में चुपड़ी हुई रोटी अवश्य खिलाए।
प्रत्येक मंगलवार को बंदरो को मीठी रोटी खिलाए।
११ मंगलवार हनुमान जी पर चोला चढ़ाए और अपनी
कुंडली में बनने वाले कर्ज के योग के अनुसार उस योग
को भंग करने के उपाय करे इससे आपका कर्जा निश्चित तोर पर उतर जाएगा।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
2021-02-12
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