Date : 2021-02-17
कुंडली में जब कोई भी शुभ ग्रह या उच्च का ग्रह, या स्वराशि का ग्रह दो पाप ग्रहो के मध्य हो अर्थात दो पाप ग्रह उस शुभ या उच्च ग्रह या
स्वराशि के ग्रह के दोनों तरफ बैठे हुए हो तो पाप कर्तरी दोष बनता है इस दोष के कारण वह शुभ ग्रह या उच्च का ग्रह या स्वराशि का ग्रह
अपने शुभ फल या उच्च के फल प्रदान नहीं कर पाता है। उसके शुभ फल में कमी रहती है।
पाप कर्तरी दोष के कारण राजयोग भी अपने फल प्रदान नहीं कर पाते है। ऐसा जातक राजयोग के फल भोग नहीं पाता है। उसके राजयोग
निष्फल हो जाते है। पाप कर्तरी दोष पंचमहापुरुष राजयोग को भी भंग कर देता है। उदाहरण के लिए यदि शनि ग्रह केंद्र में उच्च का या
स्वराशि का बैठा हो और उसके दोनों तरफ पाप ग्रह बैठे हुए हो तो शश योग के शुभ फल प्राप्त नहीं हो पाएंगे। शश योग निष्फल हो जाएगा।
इसी प्रकार कोई दूसरा पंचमहापुरुष राजयोग हो जैसे मालव्य योग इस योग में शुक्र केंद्र में उच्च या स्वराशि का होकर बैठा हो तो मालव्य
नाम का पंचमहापुरुष राजयोग बनता है इस राजयोग के दोनों तरफ यदि पाप ग्रह बैठे हुए हो तो मालव्य राजयोग के शुभ फल भी प्राप्त नहीं
होंगे। यह राजयोग निष्फल हो जाएगा। अतः पाप कर्तरी दोष किसी भी शुभ ग्रह या उच्च के ग्रह के शुभ फल को समाप्त कर देता है।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
2021-02-12
2021-02-11
2023-01-13
Copyright © 2022 Astrologermaheshsharma.com . All Rights Reserved.