कुंडली में जाने राजयोग

Date : 2021-02-25

कुंडली में जाने राजयोग

1. शश योग : शश योग का निर्माण तब होता है जब शनि केंद्र में उच्च राशि में हो या स्वराशि में हो। शश योग में जन्म लेने वाला जातक जीवन में बहुत तरक्की करता है। उसका स्तर समाज में बहुत अच्छा होता है। वह उच्च पद पर आसीन होता है। वह बहुत मेहनती होता है। समाज में सम्मान प्राप्त करता है। वह किसी संस्थान के मालिक भी बनता है।

2. रुचक योग : जब मंगल केंद्र में उच्च राशि का हो या स्वराशि का बैठा हो तो रुचक योग का निर्माण होता है। रुचक योग में जन्म लेने वाला जातक निडर, पराक्रमी और मेहनती होता है। वह शरीर से भी बलशाली होता है। प्रॉपर्टी सुख प्राप्त करने वाला होता है। शत्रुओ का भी उसे कोई डर नहीं होता।

3. मालव्य योग : जब शुक्र ग्रह केंद्र में उच्च का होता है या स्वराशि का होता है तो मालव्य योग का निर्माण होता है। इस योग में जन्म लेने वाला जातक सुन्दर, आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है। उसे सभी सुख साधन प्राप्त होते है। उसकी पत्नी बहुत सुन्दर होती है। वैवाहिक जीवन बहुत अच्छा होता है। ऐसा जातक फिल्म लाइन, संगीत, के क्षेत्र में सफल होता है। वाहन सुख भी ऐसे जातक को प्राप्त होता है। मकान बहुत सुन्दर जगह बनने के योग बनते है।

4. भद्र योग : जब बुध ग्रह केंद्र में उच्च राशि का बैठा हो या अपनी ही राशि में बैठा हुआ हो तो भद्र योग का निर्माण होता है। भद्र योग में जन्म लेने वाला जातक बहुत बुद्धिमान होता है। उसकी निर्णय लेने की क्षमता बहुत अच्छी होती है। वह उच्च पद पर आसीन होता है। वह लेखक, वक्त होता है। उसकी वाणी बहुत अच्छी होती है।

 5. हंस योग : जब बृहस्पति ग्रह केंद्र में उच्च राशि का बैठा हुआ हो या स्वराशि के बैठा हुआ हो तो हंस योग का निर्माण होता है। इस योग में जन्म लेने वाले जातक राजसत्ता में भागीदारी प्राप्त करते है। वह बहुत ज्ञानी व्यक्तित्व का स्वामी होता है। अध्यापन के क्षेत्र में भी उसे सफलता प्राप्त होती है। वह किसी धार्मिक संस्था का प्रमुख भी होता है। ऐसे जातक के पास सभी सुख साधन होते है। उसके पास किसी भी चीज़ की कमी नहीं होती है।

6. गजकेसरी योग : जब बृहस्पति और चन्द्रमा दोनों एक साथ हो या एक दूसरे से केंद्र में हो तो गजकेसरी राजयोग बनता है। गजकेसरी राजयोग के कारण सभी सुख साधन प्राप्त होने के योग बनते है। प्रॉपर्टी सुख प्राप्त होता है। वेहिकल सुख प्राप्त होता है। धन की प्राप्ति होती है। धन की कमी नहीं होती है। अच्छी मात्रा में धन आने के योग बनते है। गजकेसरी राजयोग वाला जातक धार्मिक नेचर का होता है। भगवान में पूर्ण आस्था रखने वाला होता है। जीवन में तरक्की करने वाला होता है ऐसे जातक के पास धन की कमी नहीं होती है।

7. बुध आदित्य योग : जब कुंडली में सूर्य और बुध एक साथ होते है तो बुध आदित्य राजयोग बनता है इस राजयोग के कारण भी जीवन में तरक्की और धन के योग बनते है। ऐसा जातक तेजस्वी होता है। बुध आदित्य राजयोग वाला जातक राजनीती में भी सफलता प्राप्त करता है। अच्छी पोस्ट पर कार्य करने वाला होता है। मान सम्मान प्राप्त होने के योग बनते है। विशेषकर अगर बुध आदित्य योग केंद्र या त्रिकोण में बने तो अधिक लाभ प्राप्त होता है।

8. लक्ष्मी योग : जब कुंडली में चन्द्रमा और मंगल दोनों के साथ बैठते है तो लक्ष्मी योग बनता है। कुंडली में लक्ष्मी योग बनने पर धन की प्राप्ति होती है। जीवन में सभी सुख साधन प्राप्त होने के योग बनते है। जीवन में तरक्की के योग बनते है। लक्ष्मी योग वाले जातक के पास धन की कमी नहीं होती है। मान सम्मान भी प्राप्त होता है।

9. विपरीत राजयोग : जब कुंडली में ६, ८, १२ स्थान के मालिक ग्रह एक साथ हो या एक दूसरे से पूर्ण दृष्टि सम्बन्ध बना रहे हो तो कुंडली में विपरीत राजयोग बनता है इस राजयोग के कारण भी धन प्राप्ति के योग बनते है। जीवन में संघर्ष के बाद तरक्की और धन की प्राप्ति होती है। सभी सुख साधन प्राप्त होने के योग बनते है। मान सम्मान प्राप्त होने के योग बनते है।

10. अमला योग : जब कुंडली में चन्द्रमा से या लग्न से दसवे स्थान में शुभ ग्रह होते है तो अमला योग बनता है इस योग के कारण जीवन में तरक्की के योग बनते है। धन प्राप्ति के योग बनते है। समान में मान सम्मान प्राप्त होता है। जीवन में सभी सुख साधन प्राप्त होते है। ऐसा व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त करता है और तरक्की प्राप्त करता है।

ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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