कुंडली में जाने प्रॉपर्टी विवाद और प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के योग

Date : 2021-02-26

कुंडली में जाने प्रॉपर्टी विवाद और प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के योग

१ कुंडली में चौथा स्थान प्रॉपर्टी का होता है अगर चौथे स्थान में राहु बैठा हो तो प्रॉपर्टी से जुडी समस्या के योग बनते है प्रॉपर्टी को लेकर वाद विवाद के योग बनते है प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के योग बनते है।

२ बारवे स्थान का मालिक जब चौथे स्थान पर होता है और चौथे स्थान का मालिक ग्यारवे स्थान में होता है तो भी प्रॉपर्टी से जुड़े वाद विवाद के योग बनते है प्रॉपर्टी से जुड़ा कोर्ट केस भी होने के योग बनते है।

३ कुंडली में चौथा स्थान प्रॉपर्टी का होता है और छठा स्थान वाद विवाद और कोर्ट केस का होता है। अगर कुंडली में चौथे स्थान का मालिक छठे स्थान में हो तो भी प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद और झगड़ा होता है प्रॉपर्टी से जुड़े कोर्ट केस के योग भी बनते है।

४ कुंडली में यदि चौथे स्थान का मालिक बारवे स्थान में राहु से पीड़ित होकर बैठा हो तो भी प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद होने के योग बनते है। प्रॉपर्टी हानि के योग भी बनते है।

५ कुंडली में दूसरे स्थान के मालिक और चौथे स्थान के मालिक एक साथ बारवे स्थान में हो और शनि के पाप प्रभाव में हो तो भी प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद होने के योग बनते है।

६ कुंडली में यदि चौथे स्थान का मालिक आठवे स्थान में हो और राहु केतु के पाप प्रभाव में हो तो भी प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद होने के योग बनते है।

७ कुंडली में छठे स्थान का मालिक चौथे स्थान में हो और पाप ग्रहो के प्रभाव में हो तो भी प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद और कोर्ट केस के योग बनते है।

८ कुंडली में यदि आठवे स्थान का मालिक चौथे स्थान में हो तो और पाप ग्रहो के प्रभाव में हो तो भी प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद होने के योग बनते है।

९ कुंडली में यदि बारवे स्थान का मालिक चौथे स्थान में हो और पाप ग्रहो के प्रभाव में हो तो भी प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद होने के योग बनते है।

१० चौथे स्थान में नीच का मंगल होने पर भी प्रॉपर्टी से जुडी समस्या के योग बनते है।

११ चौथे स्थान में शनि राहु होने के कारण भी प्रॉपर्टी से जुडी समस्या के योग बनते है और प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद होने के योग भी बनते है।

१२ चौथे स्थान में शनि केतु होने के कारण भी प्रॉपर्टी से जुडी समस्या के योग बनते है और प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद होने के योग बनते है।

१३ चौथे स्थान में मंगल राहु का अंगारक दोष होने पर भी प्रॉपर्टी से जुडी समस्या के योग बनते है प्रॉपर्टी को लेकर वाद विवाद और लड़ाई झगड़े के योग बनते है।

१४ चौथे स्थान में मंगल केतु होने के कारण भी प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद होता है।

१५ चौथे स्थान में नीच का बृहस्पति होने पर भी प्रॉपर्टी से जुड़ा वाद विवाद होने के योग बनते है।

ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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