कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल की युति के क्या फल होते है ?

Date : 2022-05-16

कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल की युति के क्या फल होते है ?



- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण उच्च मांगलिक दोष बनता है। इसलिए जिनकी कुंडली में सातवे स्थान में शनि मंगल होते है उनको अपने मांगलिक दोष की शांति करवानी चाहिए।

- घर में ब्राह्मण को बुलाकर अपने मांगलिक दोष की शांति करवानी चाहिए और अच्छी मैरिड लाइफ के लिए कुंडली मिलाकर सिर्फ मांगलिक से ही शादी करनी चाहिए।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण शादी होने में देरी और रूकावट की स्थिति बनती है। अच्छे रिश्ते मिलने में समस्या आती है।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण शादी होने के बाद भी समस्या आती है। पति पत्नी के बीच मतभेद और झगड़े की स्थिति रहती है।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण लाइफ पार्टनर का स्वभाव थोड़ा जिद्दी और गुस्से वाला होता है इसके कारण पति पत्नी बीच मतभेद और झगड़े की स्थिति उत्पन्न होती है।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण लाइफ पार्टनर मेडिकल फील्ड, टेक्निकल फील्ड, मार्केटिंग, कमिशन, ट्रांसपोर्ट, बिजली डिपार्टमेंट से सम्बंधित क्षेत्र में कार्यरत होता है।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण व्यक्ति का स्वभाव जिद्दी और गुस्से वाला होता है। मन चिड़चिड़ा रहता है।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण लाइफ पार्टनर को गुप्त रोग हो सकते है। वाइफ को यूटेरस से जुडी समस्या हो सकती है।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण मैरिड लाइफ खराब रहती है और तलाक तक की सम्भावना रहती है।

- कुंडली का सातवा स्थान पार्टनरशिप में बिज़नेस का भी होता है। इसलिए सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण पार्टनरशिप में बिज़नेस करने पर नुकसान होने के योग बनते है पार्टनरशिप में बिज़नेस सफल नहीं होता है।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण लाइफ पार्टनर को हड्डी, नसे नाड़ी से सम्बंधित समस्या होने के योग बनते है।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण जन्म स्थान से दूर रहने के योग बनते है। जन्म स्थान से दूर सफलता प्राप्त होती है।

- कुंडली के सातवे स्थान में शनि मंगल होने के कारण भाग्य में रूकावट रहती है प्रत्येक कार्य में रूकावट आती है। मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होता है।

 

शनि मंगल के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय

- प्रतिदिन शाम को सरसो के तेल का दीपक जलाकर उसके सामने नीले कपड़े के आसन पर बैठकर शनि के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनेश्चराय नमः।

- प्रत्येक शनिवार शनि देव पर सरसो का तेल चढ़ाए।

- प्रतिदिन सुबह मंगल के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ क्रां क्रीं क्रों सः भौमाय नमः।

- प्रत्येक मंगलवार हनुमान मंदिर जाकर प्रसाद चढ़ाए।

- 11 मंगलवार हनुमान जी पर चोला चढ़ाए।

- 21 शनिवार चीटियों को आटा और तिल मिलाकर खिलाए।

- प्रत्येक मंगलवार व्रत भी कर सकते है।

- प्रत्येक शनिवार शनि देव का व्रत कर सकते है।

 

 

ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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