Date : 2022-03-07
- कुंडली में पांचवा स्थान पढ़ाई, मित्र, पेट, संतान, लव अफेयर, प्लानिंग का होता है। पंचम भाव में चंद्र राहु होने के कारण ग्रहण दोष बनता है और इसके कारण पंचम भाव पीड़ित हो जाता है जिसके कारण पंचम भाव से जुड़े शुभ फल में कमी रहती है।
- कुंडली के पंचम भाव में चंद्र राहु की युति हो तो हायर एजुकेशन में रूकावट रहती है पढ़ाई पूरी होने में समस्या रहती है पढ़ाई में मन नहीं लगता है कंसन्ट्रेशन में कमी रहती है। पढ़ाई के कारण मानसिक तनाव भी रहता है।
- कुंडली के पंचम भाव में चंद्र राहु की युति हो तो पेट से सम्बंधित समस्या होने के योग बनते है पाचन क्रिया में समस्या रहती है। पाचन क्रिया ज्यादा अच्छी नहीं होती है इसलिए ऐसे जातको को बाहर खाना या फ़ास्ट फ़ूड नहीं खाना चाहिए।
- कुंडली के पंचम भवा में चंद्र राहु की युति हो तो मित्रो से मतभेद और लड़ाई झगड़े की स्थिति बनती है। मित्र अच्छे नहीं होते है मित्र जरूरत पड़ने पर काम नहीं आते है। मित्रो से धोखा मिलने के योग बनते है।
- कुंडली के पंचम भाव में चंद्र राहु की युति हो तो लव अफेयर में भी समस्या रहती है लव अफेयर में सफलता प्राप्त नहीं होती है लव अफेयर टूटने के योग बनते है। लव अफेयर में धोखा मिलने के योग बनते है।
- कुंडली के पंचम भाव में चंद्र राहु की युति हो तो प्लानिंग सफल नहीं होती है जो भी काम करने का प्लान बनाते है वो प्लान सफल नहीं होता है सोचे हुए कार्य पुरे नहीं हो पाते है।
- कुंडली के पंचम भाव में चंद्र राहु होने के कारण गलत संगत के मित्र भी बनते है इसलिए सोच समझकर ऐसे जातको को मित्रो का चुनाव करना चाहिए।
- कुंडली में पंचम भाव में चंद्र राहु की युति हो तो संतान सुख प्राप्त होने में भी समस्या रहती है। संतान सुख प्राप्त होने में देरी और रूकावट के योग बनते है। संतान सुख देर से प्राप्त होता है। महिलाओ की कुंडली में पंचम भाव में चंद्र राहु होने के कारण गर्भपात की सम्भावना भी बनती है।
- पंचम भाव में बैठे हुए राहु की दृष्टि भाग्य स्थान पर रहती है इसके कारण भाग्य में रूकावट रहती है। काम बनते बनते बिगड़ जाते है। मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होता है प्रत्येक कार्य में रूकावट रहती है। मेहनत के अनुसार फल की प्राप्ति नहीं होती है।
- पंचम भाव में बैठे हुए राहु की दृष्टि लाभ स्थान पर रहती है इसके कारण लाभ में कमी रहती है अच्छी इनकम होने में रूकावट रहती है।
- पंचम भाव में बैठे हुए राहु की दृष्टि लग्न पर है इसके कारण स्वभाव जिद्दी होता है प्रत्येक कार्य में बाधा आती है काम देर से होते है।
चंद्र राहु के उपाय
- प्रतिदिन शाम को चन्द्रमा के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ सोम सोमाय नमः।
- प्रत्येक सोमवार शिवलिंग पर कच्चा दूध जरूर चढ़ाए।
- प्रत्येक सोमवार शिवलिंग पर जल चढ़ाए।
- प्रत्येक सोमवार शंकर भगवान का व्रत करे।
- राहु की शांति के लिए प्रतिदिन सुबह पक्षियों को सतनाज जरूर खिलाए।
- राहु की शांति के लिए प्रत्येक महीने में मंगलवार या शनिवार के दिन कुष्ट रोगियों को घर का बना भोजन खिलाए।
- राहु की शांति के लिए प्रतिदिन शाम को राहु के बीज मित्र का जाप भी कर सकते है। राहु बीज मंत्र : ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहुवे नमः। इस मंत्र का प्रतिदिन शाम के समय 108 बार जाप करें।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
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