Date : 2022-03-04
कुंडली में चंद्र राहु साथ होते है तो चंद्र राहु ग्रहण दोष बनता है जब कुंडली में चन्द्रमा राहु एक साथ कुंडली के किसी भी स्थान में बैठते है तो उस स्थान को पीड़ित कर देता है और उस स्थान से जुड़े शुभ फल प्राप्त होने में समस्या रहती है उस स्थान से जुड़े अशुभ फल ही प्राप्त होते है इस ब्लॉग में आप जान पाएंगे की कुंडली के दूसरे स्थान में चंद्र राहु एक साथ बैठे हो तो क्या फल मिलेंगे।
कुंडली में दूसरे स्थान में चंद्र राहु के फल
- कुंडली में दूसरा स्थान धन, परिवार, आंख, गले, बैंक बैलेंस, ज्वेल्लेरी, सयुक्त परिवार, चेहरे का होता है।
- अगर कुंडली के दूसरे स्थान में चंद्र राहु की युति हो तो व्यक्ति को परिवार में सुख पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं होता है।
- कुंडली के दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर जॉइंट फैमिली में रहने के मजबूत योग नहीं बनते है जॉइंट फैमिली से दूर रहने के योग बनते है।
- कुंडली के दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर गले में इन्फेक्शन, टॉन्सिल की समस्या होती है।
- कुंडली के दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर आंखे कमजोर हो जाती है आँखों पर चश्मा लग जाता है।
- कुंडली के दूसरे स्थान में चंद्र राहु की युति होने पर खर्चे अधिक होते है व्यर्थ के खर्चे लगे रहते है धन संचय में कमी रहती है।
- कुंडली के दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर बैंक बैलेंस बनने में समस्या रहती है धन की कमी रहती है।
- कुंडली के दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर चेहरे पर भी समस्या होने की सम्भावना रहती है।
- कुंडली के दूसरे स्थान में चंद्र राहु की युति होने पर घर में ज्वेल्लेरी की कमी होती है।
- कुंडली में दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर परिवार में किसी सदस्य को मानसिक समस्या, डिप्रेशन जैसी समस्या होने की सम्भावना रहती है।
- कुंडली में दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर परिवार में मतभेद और तनाव की स्थिति रहती है।
- कुंडली में दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर करियर में भी समस्या आती है क्योकि राहु की दृष्टि करियर के स्थान पर रहेगी। इसलिए दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर कार्य क्षेत्र में भी परेशानी की स्थिति बनेगी। जब भी राहु की महादशा या अन्तर्दशा आएगी। कार्य क्षेत्र में समस्या की स्थिति बनेगी।
- कुंडली में दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर माता का स्वास्थ्य भी थोड़ा कमजोर रहता है।
- कुंडली में दूसरे स्थान में चंद्र राहु होने पर वाद विवाद और लड़ाई झगड़े की स्थिति भी बनती है क्योकि राहु की दृष्टि छठे स्थान पर रहेगी। छठा स्थान लड़ाई झगड़े और वाद विवाद का भी होता है जब भी राहु की महादशा या अन्तर्दशा आएगी तो लड़ाई झगड़े और वाद विवाद की स्थिति बनेगी।
- कुंडली में चंद्र राहु की युति दूसरे स्थान पर होने के कारण अचानक धन हानि या पाचन क्रिया, कब्ज, पाइल्स जैसी समस्या भी होगी क्योकि राहु की दृष्टि आठवे स्थान पर रहेगी। आठवा स्थान अचानक धन हानि और कब्ज, पाइल्स जैसी समस्या का होता है इसलिए जब भी राहु की महादशा या अन्तर्दशा आएगी तब अचानक धन हानि की सम्भावना रहेगी और पेट, पाचन क्रिया, कब्ज, पाइल्स जैसी समस्या की सम्भावना बनेगी।
चंद्र राहु के उपाय
- चन्द्रमा के लिए प्रतिदिन शाम को चन्द्रमा के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ सोम सोमाय नमः।
- चन्द्रमा के लिए प्रत्येक सोमवार शिवलिंग पर कच्चा दूध जरूर चढ़ाए।
- चन्द्रमा के लिए प्रतिदिन सुबह शिवलिंग पर जल चढ़ाए।
- चन्द्रमा के लिए किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेकर मोती भी धारण कर सकते है।
- राहु की शांति के लिए प्रतिदिन सुबह पक्षियों को सतनाज जरूर खिलाए।
- राहु की शांति के लिए महीने में एक दिन शनिवार या मंगलवार को कुष्ट रोगियों को घर का बना भोजन खिलाए।
- राहु के लिए आप राहु के बीज मंत्र का जाप भी कर सकते है राहु का बीज मंत्र है : ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। इस मंत्र का प्रतिदिन शाम के समय 108 बार जाप करे।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
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