Date : 2022-03-07
- लग्न में नीच का सूर्य होने पर इनकम कम होती है अगर सूर्य की डिग्री 10 डिग्री से कम है तो इनकम कमी होगी। लेकिन अगर सूर्य की इनकम 10 डिग्री से ऊपर है तो इनकम ठीक होगी। लग्न में नीच का सूर्य भी हाइट लम्बी करता है ऐसे जातक की हाइट लम्बी होती है ऐसा जातक थोड़े गुस्से वाला होता है। सूर्य की महादशा अपने पर हेयर फॉल होता होता है गंजेपन की समस्या हो जाती है। लेकिन विवाह अच्छे घर में होता है लाइफ पार्टनर भी गुस्से वाला होता है बिज़नेस में सफलता प्राप्त होती है।
- कुंडली के दूसरे स्थान में नीच का सूर्य होने पर धन अधिक खर्च होता है व्यर्थ के खर्चे अधिक होते है धन हानि होती है धन संचय में कमी रहती है। परिवार से मतभेद रहते है परिवार अलगाव के योग बनते है। आंखे कमजोर हो जाती है। गले में इन्फेक्शन की सम्भावना रहती है।
- कुंडली के तीसरे स्थान में नीच का सूर्य होने पर हाथ, कंधे में समस्या होती है पड़ोसियों से मतभेद होते है छोटे भाई बहनो से मतभेद रहते है मेहनत के अनुसार सफलता प्राप्त होने में रूकावट रहती है मेहनत व्यर्थ हो जाती है। छोटी यात्राओं में परेशानी आती है। हाथ कंधो में चोट लगने के योग बनते है। कान के रोग हो सकते है। मेहनत करने पर भाग्य उदय होता है। जीवन में संघर्ष अधिक होता है पराक्रम में वृद्धि होती है।
- कुंडली के चौथे स्थान में नीच का सूर्य होने पर प्रॉपर्टी से जुडी समस्या रहती है। धन संचय में कमी रहती है माता का स्वास्थ्य कमजोर रहता है। जन्म स्थान से दूर रहने के योग बनते है जन्म स्थान से दूर सफलता प्राप्त होती है। प्रॉपर्टी को लेकर वाद विवाद के योग बनते है। गले में इन्फेक्शन की सम्भावना रहती है आंखे कमजोर होने के योग बनते है।
- कुंडली के पांचवे स्थान में नीच का सूर्य होने पर पढ़ाई में समस्या रहती है पढ़ाई में मन कम लगता है मित्रो से मतभेद और झगड़े होते है पेट से सम्बंधित समस्या होती है प्लानिंग सफल नहीं होती है। लव अफेयर में सफलता प्राप्त नहीं होती है। छोटी यात्राओं में समस्या आती है। कान, हाथ, कंधे में समस्या आती है। हायर एजुकेशन में रूकावट आती है।
- कुंडली के छठे स्थान में नीच का सूर्य होने पर कर्ज के योग बनते है। खांसी, चेस्ट इन्फेक्शन के योग बनते है कर्ज या लोन के माध्यम से मकान बनने के योग बनते है। आँखों में समस्या होने के योग बनते है पेट और पाचन क्रिया अच्छी नहीं रहती है। प्रॉपर्टी को लेकर वाद विवाद होने के योग बनते है माता का स्वास्थ्य कमजोर रहता है। खर्चे अधिक होते है। जन्म स्थान से दूर रहने के योग बनते है।
- कुंडली के सप्तम भाव में नीच का सूर्य होने पर लव अफेयर में धोखे के योग बनते है। संतान सुख देर से प्राप्त होता है हायर एजुकेशन में रूकावट आती है महिलाओ को गर्भपात होने की सम्भावना रहती है। मैरिड लाइफ अच्छी नहीं रहती है। पति पत्नी के बीच लड़ाई झगड़े के योग बनते है। दोस्तों से धोखा मिलता है। प्लानिंग सफल नहीं होती है। पार्टनरशिप में बिज़नेस करने पर सफलता प्राप्त नहीं होती है।
- कुंडली के आठवे स्थान में नीच का सूर्य होने पर कब्ज, पाइल्स की समस्या होने के योग बनते है। आठवे स्थान में नीच का सूर्य होने पर कर्ज के योग बनते है। आंखे कमजोर हो सकती है। गले में इन्फेक्शन, टॉन्सिल की समस्या हो सकती है अचानक धन हानि हो सकती है। परिवार में मतभेद और लड़ाई झगड़े की स्थिति रहती है परिवार में स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या रहती है। शत्रु समाप्त होने के योग बनते है। मामा मौसी के सुख में कमी रहती है।
- कुंडली के नोवे स्थान में नीच का सूर्य होने पर भाग्य में रूकावट रहती है। मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होता है। प्रत्येक कार्य में रूकावट रहती है। लम्बी दूरी की यात्रा में रूकावट रहती है। शादी में बाधा आती है लेकिन शादी होने के बाद भाग्य उदय होने के योग बनते है। मैरिड लाइफ में समस्या रहती है पति पत्नी के बीच मतभेद और झगड़े की स्थिति रहती है। धर्म में विश्वास में कमी आती है।
- कुंडली के दसवे स्थान में नीच का सूर्य होने पर अचानक धन हानि के योग बनते है करियर में समस्या रहने के योग बनते है करियर में स्थिरता और तरक्की प्राप्त होने में रूकावट रहती है। पिता से मतभेद की स्थिति रहती है। जन्म स्थान से दूर सफलता प्राप्त होने के योग बनते है। मान सम्मान में कमी आने की सम्भावना रहती है।
- कुंडली के ग्यारवे स्थान में नीच का सूर्य होने पर लाभ में कमी रहती है धन लाभ में कमी रहती है अच्छी इनकम होने में रूकावट रहती है। बड़े भाई बहनो के सुख में कमी रहती है। महिलाओ को गर्भपात की सम्भावना रहती है। भाग्य में रूकावट रहती है। मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होता है। प्रत्येक कार्य में रूकावट रहती है। लम्बी दूरी की यात्रा में रूकावट रहती है। पैर में समस्या आने के योग बनते है।
- कुंडली के बारवे स्थान में नीच का सूर्य होने पर आंखे कमजोर हो जाती है व्यर्थ के खर्चे अधिक होते है करियर में स्थिरता और तरक्की प्रटप होने में रूकावट रहती है जॉब में बार बार परिवर्तन होता है। कार्य क्षेत्र में समस्या रहती है। पिता से मतभेद के योग बनते है।
नीच के सूर्य को मजबूत करने के लिए उपाय क्या उपाय करे ?
- कुंडली में नीच के सूर्य को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन सुबह सूर्य आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करे।
- कुंडली में नीच के सूर्य को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन सुबह सूर्य के मंत्र की एक माला का जाप भी कर सकते है ॐ घृणि सूर्याय नमः।
- कुंडली में नीच के सूर्य को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन सुबह सूर्य को ताम्बे के लोटे में लाल रोली डालकर जला चढ़ाए।
- कुंडली में नीच के सूर्य को मजबूत करने के लिए प्रत्येक रविवार सूर्य भगवान का व्रत करे।
- कुंडली में नीच के सूर्य को मजबूत करने के लिए प्रत्येक रविवार गुड़ का सेवन किया करे।
- कुंडली में नीच के सूर्य को मजबूत करने के लिए 21 रविवार गुड़ का दान करे या गाय को गुड़ खिलाए।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
2021-02-12
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