कुंडली के बारह भावो में राहु के क्या फल होते है और राहु के लिए क्या उपाय करने चाहिए।

Date : 2022-04-14

कुंडली के बारह भावो में राहु के क्या फल होते है और राहु के लिए क्या उपाय करने चाहिए।

 

१ कुंडली में यदि लग्न में राहु हो तो स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या रहती है। ऐसा जातक जिद्दी स्वभाव का होता है। नशा करने के योग बनते है। ऐसा जातक कपटी हो सकता है। पढ़ाई में रूकावट के योग बनते है। संतान प्राप्ति में बाधा आती है। भाग्य में रूकावट रहती है शादी में देरी के योग बनते है मैरिड लाइफ में समस्या रहती है।

२ कुंडली में दूसरे स्थान में राहु होने के कारण आंखे कमजोर हो सकती है। परिवार से ऐसे जातक के मतभेद रहते है। पारिवारिक सुख में कमी रहती है। धन व्यर्थ में खर्च होने के योग बनते है धन संचय में समस्या रहती है। मुख के रोग होते है। ऐसे जातक के अंदर वाणी दोष होता है। ऐसे जातक झूठ बोलते है। नशा करने के योग बनते है।

३ कुंडली में यदि तीसरे स्थान में राहु हो तो ऐसा जातक बहुत हिम्मत वाला होता है। ऐसे जातक में बहुत पराक्रम होता है। बहुत मेहनती होता है। लेकिन तीसरे स्थान का राहु छोटे भाई के सुख में कमी करता है। तीसरे स्थान का राहु धन भी देता है। तीसरे स्थान पर राहु होने के कारण भाग्य में रूकावट रहती है शादी में देरी के योग बनते है। पति पत्नी के बीच मतभेद की स्थिति रहती है।

४ कुंडली में यदि चौथे स्थान में राहु हो तो जन्म स्थान छूटने के योग बनते है। प्रॉपर्टी से सम्बंधित वाद विवाद के योग बनते है। प्रॉपर्टी खरीदने में या प्रॉपर्टी बेचने में फ्रॉड होने के योग बनते है। कार्य क्षेत्र में भी मेहनत के अनुसार सफलता प्राप्त होने में रूकावट रहती है। माता को कष्ट के योग बनते है। खर्चे अधिक होने के योग बनते है व्यर्थ के खर्चे लगे रहते है। मन थोड़ा परेशान रहता है।

५ कुंडली में पंचम भाव में राहु होने पर पेट और पाचन क्रिया से जुडी समस्या रहती है। पेट में कीड़े होने के योग बनते है। हायर एजुकेशन में रूकावट रहती है। पुत्र सम्बंधित कष्ट के योग बनते है। संतान सुख देर से प्राप्त होता है। मित्र अच्छे नहीं होते है। मित्रो की संख्या कम होती है। मित्रो से धोखा प्राप्त होने के योग बनते है मित्रो के साथ वाद विवाद के योग बनते है। प्लानिंग सफल नहीं होती है। लव अफेयर में भी सफलता प्राप्त नहीं होती है। लव अफेयर टूट जाते है।

६ कुंडली में छठे स्थान में राहु होने पर शत्रु बनने के योग बनते है लेकिन शत्रुओ पर विजय प्राप्त होती है। नाभि के नीचे के रोग परेशान करते है। वाद विवाद के योग बनते है। अगर कुंडली में शनि भी पीड़ित हुआ तो कोर्ट केस और जेल की सम्भावना बनती है। खर्चे अधिक होते है। व्यर्थ के खर्चे लगे रहते है। परिवार में मतभेद के योग बनते है। कार्य क्षेत्र में समस्या के योग बनते है। कार्य क्षेत्र में तरक्की प्राप्त होने में रूकावट रहती है।

७ कुंडली में सप्तम भाव में राहु होने पर शादी में देरी और रूकावट के योग बनते है। सप्तम भाव में राहु होने पर शादी के बाद पति पत्नी के बीच मतभेद और झगड़े के योग बनते है मैरिड लाइफ अच्छी नहीं रहती है। यदि सप्तम भाव का मालिक और सप्तम भाव का कारक भी कुंडली में पीड़ित हुआ तो तलाक तक की सम्भावना बनती है। ऐसा जातक जिद्दी स्वभाव का होता है ऐसे जातक का जीवन साथी भी जिद्दी स्वभाव का होता है। सप्तम भाव में राहु होने के कारण पार्टनरशिप में बिज़नेस करने पर बिज़नेस में नुकसान होने के योग बनते है। पार्टनर के साथ वाद विवाद के योग बनते है। पार्टनरशिप में धोखा होने के योग बनते है।

८ कुंडली में आठवे स्थान में राहु होने पर कब्ज और पाइल्स जैसी समस्या के योग बनते है। अचानक धन हानि के योग बनते है। व्यर्थ के खर्चे होने के योग बनते है। आँखों में परेशानी के योग बनते है परिवार में मतभेद की स्थिति रहती है। रात को देर से नींद आने की सम्भावना बनती है।

९ कुंडली में नोवे स्थान में राहु होने पर भाग्य उदय में रूकावट रहती है। मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होता है प्रत्येक कार्य में बाधाए आती है। कोई भी कार्य समय पर नहीं होता है कार्य बनते बनते बिगड़ जाते है। ऐसे जातक का स्वभाव भी जिद्दी होता है। संतान सुख में देरी होती है। संतान सुख देर से प्राप्त होता है। छोटे भाई के सुख में कमी रहती है। व्यर्थ के भागदौड़ करनी पड़ती है। धर्म के प्रति आस्था में कमी रहती है।

१० कुंडली में दसवे स्थान में राहु होने के कारण कार्य क्षेत्र में मेहनत के अनुसार तरक्की प्राप्त होने में रूकावट रहती है। पिता से मतभेद के योग बनते है। जन्म स्थान छूटने के योग बनते है। धन हानि के योग बनते है व्यर्थ के खर्चो में धन हानि के योग बनते है। वाद विवाद के योग बनते है। माता से मतभेद के योग बनते है।

११ कुंडली में ग्यारवे स्थान में जब अकेला राहु होता है तो इनकम के लिए अच्छा नहीं होता है। ग्यारवे स्थान में अकेला राहु होने के कारण इनकम का फ्लो रुक जाता है इनकम में बाधा के योग बनते है। संतान सुख में देरी के योग बनते है। मित्रो से मतभेद के योग बनते है। मेहनत के अनुसार फल की प्राप्ति नहीं होती है। मेहनत व्यर्थ हो जाती है। बड़े भाई के सुख में कमी रहती है।

१२ कुंडली में बारवे स्थान में राहु होने पर रात को देर से नींद आती है। विदेश यात्रा के योग बनते है। व्यर्थ के खर्चे होने के योग बनते है आँखों में समस्या के योग बनते है वाद विवाद और लड़ाई झगड़े के योग बनते है प्रॉपर्टी बनने में देरी होती है। वजन बढ़ने के योग बनते है। धन हानि के योग बनते है। माता से मतभेद के योग बनते है। मामा मौसी से भी मतभेद रहते है।


राहु के उपाय

- राहु की शांति के लिए प्रतिदिन सुबह पक्षियों को सतनाज खिलाए।

- राहु की शांति के लिए प्रत्येक महीने में एक शनिवार या मंगलवार के दिन कुष्ट रोगियों को घर का बना भोजन खिलाए।

- राहु की शांति के लिए प्रतिदिन शाम को राहु के मंत्र का जाप करे ॐ भ्राम भ्रीम भ्रौम सः राहुवे नमः।

- राहु की शांति के लिए गरीबो में भोजन बांटे।

 


ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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