Date : 2022-04-18
प्रत्येक बच्चे का जन्म किसी न किसी पाए में होता है इन पायो को चार भागो में बांटा गया है सोने, चांदी, ताम्बा, लोहा। कुंडली में बारह भाव होते है। इन बारह भावो को चार भागो में बांटा गया है। इन चार भावो में चन्द्रमा जिस स्थान पर होता है उसके अनुसार बच्चे का पाया होता है।
चांदी का पाया
जब बच्चे के जन्म के समय कुंडली में चन्द्रमा दूसरे, पांचवे या नोवे स्थान में होता है तो ऐसे बच्चे का जन्म चांदी के पाये में माना जाता है। ये सर्वश्रेष्ठ पाया माना जाता है। इस पाये में जन्म लेने वाले लोग काफी भाग्यशाली होते हैं। ये लोग अपने साथ साथ अपने परिवार वालों के लिए भी शुभ होते हैं। इन्हें कुछ पाने के लिए परिश्रम कम करना पड़ता है। ये लोग कम मेहनत में तरक्की और सफलता प्राप्त कर लेते है।
ताम्बे का पाया
जब बच्चे के जन्म के समय कुंडली में चन्द्रमा तीसरे, सातवे या दसवे स्थान में होता है तो ऐसे बच्चे का जन्म ताम्बे के पाये माना जाता है। ताम्बे का पाया श्रेष्ठता की दृष्टि से दूसरे नंबर की श्रेणी में आता है। इस पाये को भी शुभ माना गया है। इस पाये में जन्म लेने वाले बच्चे अपने पिता के लिए काफी शुभ और भाग्यशाली होते हैं।
सोने का पाया
जब बच्चे के जन्म के समय कुंडली में चन्द्रमा पहले, छठे या ग्यारवे स्थान में होता है तो ऐसे बच्चे का जन्म सोने के पाये माना जाता है। सोने का पाया श्रेष्ठता की दृष्टि से तीसरे नंबर की श्रेणी में आता है इस पाये में जन्म लेने वाले बच्चे को स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या होती है और लाइफ में थोड़ा संघर्ष करना पड़ता है। सुख सुविधाए मेहनत से अर्जित होती है। इन लोगो को सोना दान करना चाहिए।
लोहे का पाया
जब बच्चे के जन्म के समय कुंडली में चौथे, आठवे या बारवे स्थान में होता है तो ऐसे बच्चे का जन्म लोहे के पाये माना जाता है। लोहे का पाया श्रेष्ठता की दृष्टि से चौथे नंबर की श्रेणी में आता है। इस पाये को अच्छा नही माना गया है। ऐसे लोग जीवन भर संघर्ष करते रहते हैं। पिता के लिए ऐसे लोग भारी माने जाते हैं। इनको लोहा दान करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
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