जब भी शनि कुंडली में केंद्र में बैठता है अर्थात १ , ४ , ७ , १० इन स्थानों में बैठता है तब शश योग नाम का पंचमहापुरुष राजयोग बनता है इस राजयोग में जन्म लेने वाला जातक उच्च पद पर आसीन होता है। शश वाला जातक राजनीती में भी उच्च पद प्राप्त करता है। शश योग वाला जातक गुणवान, मेहनती, धैर्यवान होता है। शश योग वाला जातक अपनी कंपनी का मालिक भी होता है। शश योग यदि लग्न में होता है तो ऐसे जातक नौकरी में तरक्की करता है और ऐसा जातक मेहनती होता है और जीवन में बहुत तरक्की करता है। चौथे स्थान पर बनने वाला शश योग जातक को प्रॉपर्टी, वेहिकल सुख व अन्य सभी सुख साधन दिलाता है। यदि ऐसा जातक राजनीती में होता है तो ऐसे जातक को जनता का बहुत सहयोग प्राप्त होता है और ऐसा जातक सदैव चुनाव जीतता है। सप्तम भाव में बनने वाला गजकेसरी योग जातक को बिज़नेस में तरक्की करवाता है और ऐसे जातक का विवाह भी धनी परिवार में होता है ऐसा जातक व्यापार में बहुत तरक्की करता है। ऐसा जातक बहुत धनवान होता है समाज में उसकी प्रतिष्ठा बहुत अच्छी होती है। दशम भाव में बनने वाला शश योग जातक को उच्च पद पर सरकारी नौकरी दिलाता है और यदि मंगल की दृष्टि शनि पर होती है तो ऐसा जातक इंजीनियर भी बनता है दसवे स्थान का शश योग जातक को सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान करता है ऐसा जातक समाज में सम्मानित होता है। ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा