१. कुंडली में पांचवा स्थान पेट का होता है यदि पाचवे स्थान में राहु या केतु बैठा हुआ हो तो पेट से सम्बंधित बीमारी होने के योग बनते है. २. कुंडली में यदि पाचवे स्थान का मालिक छठे स्थान में बैठा हो तो पेट से सम्बंधित बीमारी के योग बनते है. ३. यदि कुंडली में पाचवे स्थान का मालिक अष्टम स्थान में बैठा हुआ हो तो पेट से सम्बंधित बीमारी के योग बनते है. ४. यदि कुंडली में गुरु ग्रह पाप ग्रह के साथ बैठा हुआ हो तो पेट से सम्बंधित बीमारी जरूर होती है. ५. कुंडली में शुक्र ग्रह यदि पाप प्रभाव में हो तो भी पेट से सम्बंधित बीमारी जरूर होती है. ६. यदि कुंडली में सूर्य ग्रह राहु केतु या शनि के साथ हो तो भी पेट से सम्बंधित बीमारी जरूर होती है. ७. पंचम भाव में नीच का शुक्र हो तो भी पेट से सम्बंधित बीमारी होती है. ८. पंचम भाव में यदि नीच का चन्द्रमा बैठा हुआ हो तो भी पेट से सम्बंधित बीमारी होती है. ९. पंचम भाव में नीच का बुध बैठा हुआ हो तो भी पेट से सम्बंधित बीमारी जरूर होती है. १०. पंचम भाव में नीच का सूर्य बैठा हुआ हो तो भी पेट से सम्बंधित बीमारी जरूर होती है. ११. पंचम भाव में नीच का मंगल बैठा हुआ हो तो भी पेट से सम्बंधित बीमारी जरूर होती है. १२. मेष लग्न में पंचम भाव में बुध बैठा हुआ हो तो भी पेट के रोग जरूर होते है. १३. मिथुन लग्न में पंचम भाव में मंगल बैठा हुआ हो तो भी पेट के रोग जरूर होते है. १४. सिंह लग्न में पंचम भाव में शनि बैठा हुआ हो तो भी पेट के रोग जरूर होते है. १५. तुला लग्न में पंचम भाव में बृहस्पति बैठा हुआ हो तो भी पेट के रोग जरूर होते है. १६. धनु लग्न में पंचम भाव में शुक्र बैठा हुआ हो तो भी पेट के रोग अवश्य होते है. १७. कुम्भ लग्न में पंचम भाव में चन्द्रमा बैठा हुआ हो तो भी पेट के रोग जरूर होते है. १८. मीन लग्न में पंचम भाव में सूर्य हो और पाप प्रभाव में हो तो भी पेट की बीमारी जरूर होती है. १९. अष्टम स्थान में नीच का मंगल होने पर भी पेट के रोग होते है. २०. अष्टम स्थान में नीच का राहु होने पर भी पेट के रोग होते है.