Date : 2022-03-18
शुक्र के लिए छह मुखी रुद्राक्ष
छह मुखी रुद्राक्ष शुक्र ग्रह के लिए धारण किया जाता है। छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शुक्र ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते है अगर कुंडली में शुक्र पीड़ित हो या शुक्र कमजोर हो या शुक्र राहु, केतु से पीड़ित हो या शुक्र कुंडली में योग कारक ग्रह हो और शुक्र कुंडली में नीच का हो तो शुक्र के अशुभ फल से बचने के लिए और शुक्र के शुभ फल प्राप्त करने के लिए छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। वृष और कन्या राशि के जातक छह मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण कर सकते है।
छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है और छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से गृहस्त सुख में वृद्धि होती है। समय पर शादी होती है। शादी के बाद मैरिड लाइफ अच्छी रहती है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति की सुंदरता और आकर्षण में वृद्धि होती है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से कील मुहाँसे और चेहरे से जुडी अन्य समस्याए भी समाप्त होती है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भोगविलास की वस्तुओ में वृद्धि होती है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से वेहिकल और सभी भौतिक सुख साधन प्राप्त होते है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से यूरिन से जुडी समस्या समाप्त होती है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से योन रोग समाप्त होते है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पुरुष शक्ति में वृद्धि होती है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से महिलाओ की पीरियड से जुडी समस्या समाप्त होती है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पुरुषो में स्पर्म काउंट बढ़ता है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सभी प्रकार के सांसारिक सुख प्राप्त होते है।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शत्रु समाप्त होते है।
रुद्राक्ष धारण करने के नियम
- रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को शराब, मांस, अंडे, लहसुन, प्याज़ से दूर रहना चाहिए। इस तरह की चीज़े नहीं खानी चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वालो को झूठ नहीं बोलना चाहिए और किसी भी प्रकार के गलत कामो से दूर रहना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वालो को पैसो के मामले में भी ईमानदार रहना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वालो को लाइफ पार्टनर के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनांते समय रुद्राक्ष उतार देना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वालो को दुसरो की बुराई नहीं करनी चाहिए।
छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
- छह मुखी रुद्राक्ष को पिले धागे में गले में धारण किया जाता है।
- रुद्राक्ष सोमवार के दिन सुबह 6 से 7 बजे के मध्य धारण करना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने से पहले 10 मिनट तक रुद्राक्ष को एक कटोरी में कच्चे दूध और गंगाजल के मिश्रण में डालकर रखे इसके बाद रुद्राक्ष को कटोरी से निकालकर पुनः गंगाजल से धोकर शुद्ध करके घर में मंदिर में धुप दीप जलाकर ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करे और उसके बाद अपने गले में रुद्राक्ष धारण करे।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
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