अंगूठे में चांदी का छल्ला धारण करने के क्या लाभ होते है

Date : 2022-05-05

अंगूठे में चांदी का छल्ला धारण करने के क्या लाभ होते है

 


हथेली में अंगूठे का सम्बन्ध शुक्र ग्रह से होते है इसलिए अंगूठे में चांदी का छल्ला धारण करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है। कुंडली में शुक्र ग्रह सुख सुविधा, भोग विलास, लग्ज़री वस्तुओ के कारक होते है। शुक्र ग्रह वेहिकल के कारक होते है और शुक्र ग्रह ट्रेवल और विदेश यात्रा के कारक भी होते है। शुक्र ग्रह पत्नी के कारक होते है। यदि कुंडली में शुक्र ग्रह पीड़ित होता है या शुक्र की डिग्री कम होती है तो शुक्र से सम्बंधित समस्याए जीवन में आने लगती है जैसे गृहस्त सम्बंधित समस्या, शादी देर से होना या शादी के मैरिड लाइफ में परेशानी रहना, धन की समस्या, वेहिकल सुख में कमी रहना, स्वास्थ्य कमजोर रहना, जीवन में सुख सुविधाओं की कमी, लग्ज़री वस्तुओ की कमी आदि परेशानियां जीवन में आने लगती है। इसलिए शुक्र ग्रह को बलवान करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय बताए गए है जिनमे से एक उपाय है सीधे हाथ के अंगूठी में चांदी का छल्ला धारण करना। इससे शुक्र ग्रह के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है।


चांदी का छल्ला धारण करने की विधि

- वीरवार की रात को एक कटोरी में कच्चे दूध और गंगाजल के मिश्रण में चांदी का छल्ला डालकर रखे।

- इसके बाद अगले दिन शुक्रवार की सुबह 6 से 7 बजे के मध्य कटोरी से चांदी का छल्ला निकालकर पुनः गंगाजल से धोखकर शुद्ध कर ले।

- इसके बाद अपने घर के मंदिर में धुप दीप जलाकर शुक्र के मंत्र का 108 बार जाप करे ॐ शुं शुक्राय नमः।

- जाप करने के बाद अपने सीधे हाथ के अंगूठे में अपना चांदी का छल्ला धारण करे।


चांदी का छल्ला धारण करने के लाभ

- चांदी का छल्ला धारण करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है।

- चांदी का छल्ला धारण करने धन आता है। धन संचय करने के योग बनते है।

- चांदी का छल्ला धारण करने से घर में लग्ज़री वस्तुओ की वृद्धि होती है।

- चांदी छल्ला धारण करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

- चांदी का छल्ला धारण करने से चेहरे की स्किन में सुधार होता है। सुंदरता बढ़ती है।

- चांदी का छल्ला धारण करने से वेहिकल प्राप्त होने के योग बनते है।

- चांदी का छल्ला धारण करने से गृहस्त सुख में वृद्धि होती है। पत्नी का सुख प्राप्त होता है। शादी की रूकावट दूर होती है।

- चांदी का छल्ला धारण करने से सुख सुविधाए प्राप्त होती है।

 

 


ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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