Date : 2022-03-22
शीतला अष्टमी को बसोडा भी कहते है। चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता को बासे भोजन का भोग लगाते है।
शीतला अष्टमी या बसोड़े का महत्व
शीतला अष्टमी का व्रत महिलाए रखती है और ये व्रत महिलाए अपने बच्चो की लम्बी आयु के लिए रखती है। इस व्रत के प्रभाव से परिवार में सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और परिवार में सुख शांति रहती है और परिवार के सदस्यों को कोई रोग नहीं होता है।
शीतला अष्टमी या बसोड़े का शुभ मुहूर्त
शीतला अष्टमी : शुक्रवार मार्च 25 2022 को है।
शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त : सुबह 6 बजकर 29 मिनट से शाम 6 बजकर 41 मिनट तक
समय अवधि : 12 घण्टे 12 मिनट
शीलता माता को बासा भोजन का भोग क्यों लगाते है
शीतला माता को बासा भोजन विशेष रूप से पसंद होता है इसलिए शीतला अष्टमी या बसोड़े के दिन शीतला माता को बासा भोजन और ठंडे भोजन का भोग लगाया जाता है। इससे शीतला माता प्रसन्न होती है।
शीतला अष्टमी या बसोडा पूजा विधि
- सुबह उठकर स्वच्छ पानी से स्नान करे।
- सुबह साफ सुथरे वस्त्र पहने यदि संभव हो सके तो नारंगी रंग के वस्त्र पहने।
- शीतला माता के मंदिर में जाकर पूजा करें और उन्हें बासे भोजन का भोग लगाए।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
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